Panchsheel Mahavidyalaya
(B.Ed. & D.El.Ed. College)

Samrat Ashok Nagar, Itaura Bujurg , Uttar Pradesh

Short History (संक्षिप्त परिचय)

ग्रामीण जनमानस के इस पिछड़े क्षेत्र में सामाजिक एवं शैक्षिक क्रान्ति की कड़ी में उच्च शिक्षा के विकास हेतु पंचशील महाविद्यालय की नींव पड़ी। इस शैक्षिक संस्थान का प्रथम सत्र 2004-05 में प्रारम्भ हुआ। वर्तमान में लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ से स्थायी रूप से सम्बद्ध इस महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर कला संकाय में हिन्दी साहित्य, अंग्रेजी साहित्य, संस्कृत, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, इतिहास, भूगोल, गृहविज्ञान, शिक्षाशास्त्र एवं शारीरिक शिक्षा विषयों तथा विज्ञान संकाय में गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, जन्तु विज्ञान, शारीरिक शिक्षा विषयों एवं परास्नातक स्तर पर हिन्दी, समाजशास्त्र, गृहविज्ञान, भूगोल, शिक्षाशास्त्र, राजनीति विज्ञान विषयों एवं स्नातक स्तर पर वाणिज्य संकाय - बी0काॅम0 और बी0एड0 संकाय एवं कृषि विज्ञान संकाय और बी.टी.सीपाठ्य क्रम में अध्ययन की सम्यक व्यवस्था है। नये सत्र से स्नातक स्तर पर सैन्य विज्ञान, कम्प्यूटर अप्लीकेशन, मनोविज्ञान विषयों तथा परास्नातक स्तर पर अर्थशास्त्र, अंग्रेजी एवं रसायन विज्ञान में अध्यापन की प्रबल संभावना है।
ऐतिहासिक महापुरुषों का उद्भव उत्तम एवं कल्याणकारी कार्यों के लिए अपेक्षित होता है। जिनके प्रति जनमानस का सद्भाव बढ़ता ही जाता है। ऐसे ही विशिष्ट व्यक्तित्व के धनी, उत्कृष्ट समाजसेवी, विकास पुरुष, पूर्व ब्लाक प्रमुख ऊँचाहार तथा पंचशील कालेज के प्रबंधक श्री पंचम मौर्य एवं उनके कर्मठशील तथा निष्ठावान सुपुत्र श्री बी.एन. मौर्य ने शैक्षिक क्रान्ति का बीड़ा उठाकर उत्तम जीवन जीने की कुंजी हेतु शिक्षा के क्षेत्र में सतत् प्रयास करते हुए शैक्षिक एवं सामाजिक विकास की परम्परा में चार चाँद लगाकर कठिन परिश्रम एवं संघर्षों के उपरान्त क्षेत्र को बृहद शैक्षिक संस्थान प्रदान करके तहसील ऊँचाहार में नवीन ऐतिहासिक विकास स्तम्भ स्थापित किया है।
इस ग्रामीणांचल में उच्च शिक्षा के अभाव को दूर करने की दिशा में स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रबन्धक श्री पंचम मौर्य ने इस उच्च शैक्षिक संस्थान की स्थापना करके उच्च शिक्षा के क्षेत्र से इस ग्रामीण क्षेत्र को जोड़कर नया आयाम प्रदान किया एवं बहुमुखी प्रतिभा से विभूषित श्री बी.एन. मौर्य ने संस्थान को विविध आयामी बनाते हुए अलंकृत किया। जिन्हें हम ऐतिहासिक महापुरुषों की श्रेणी में चिन्हित करते हैं। कालेज की प्रगति को उस समय नया आयाम मिला जब यू0जी0सी0 द्वारा महाविद्यालय को सत्र 2016-17 में गृहविज्ञान, भूगोल, शिक्षाशास्त्र, राजनीति विज्ञान विषय में एम0ए0 तथा शिक्षक प्रशिक्षण (बी.टी.सी.) पाठ्यक्रम की कक्षाएँ प्रारम्भ करने की अनुमति प्राप्त हुई एवं विश्वविद्यालय तथा शासन द्वारा राष्ट्रीय सेवा इकाई की स्थापना हेतु निर्देश निर्गत हुए तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली से 12;ठद्ध की मान्यता प्राप्त करने वाला जनपद का प्रथम स्ववित्त पोषित कालेज होने का गौरव प्राप्त हुआ है।
लखनऊ-इलाहाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगतपुर के निकट स्थित पंचशील पी0जी0 कालेज अपनी भव्य इमारत, विस्तृत नैसर्गिक प्रांगण एवं आवागमन के संसाधनों से युक्त स्वतः ही ध्यान आकृष्ट कर लेता है जिससे इस क्षेत्र की गरिमा को स्वयमेव नया आयाम प्राप्त हो जाता है। स्नातकोत्तर महाविद्यालय में लगभग 4500 छात्र/छात्राएँ उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। वर्तमान में विश्वविद्यालय द्वारा अनुमोदित कुशल विषय विशेषज्ञ एवं प्राध्यापक कार्यरत हैं। माननीय प्रबन्धक जी की आकांक्षाओं एवं उद्देश्यों को पूरा करने के लिए समस्त कालेज परिवार कृतसंकल्प है।

 

Manager's Message

समाज की उन्नतिशीलता एवं व्यक्ति का सर्वांगीण विकास शिक्षा एवं संस्कार पर आधारित है। बिना विद्या और ज्ञान के मनुष्य करणीय और अकरणीयता के भँवर में फँसा रह जाता है। उचित एवं सही मार्ग पर चलकर कल्याण की दशा प्राप्त करने में विवेक और विचारों की अहम भूमिका होती है। इन्हीं संदर्भों को ध्यान में रखते हुए इस अति पिछड़े क्षेत्र में विकास यात्रा को गति देने हेतु सन् 2004 में पंचशील पी.जी. कालेज की नींव डालकर अपने क्षेत्र के होनहार बालक/बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करना मुझे अति आवश्यक और समीचीन प्रतीत हुआ। इस पुनीत कार्य में क्षेत्र के सुसम्मानित अभिभावकों का आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने मुझे सहयोग प्रदान करते हुए उत्साही बनाये रखा और मेरी कर्मठता की धारा अविरल प्रवाहित रही।
पंचशील पी.जी. कालेज को शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ के सहयोग से बृहद् आयाम देते हुए यहाँ के बच्चों हेतु उच्च शिक्षा के सभी पाठ्यक्रमों को उपलब्ध कराना हमारा लक्ष्य है और मैं निष्ठा के साथ क्षेत्र की सेवा करने के लिए तत्पर हूँ।

Mrs. Satyabhama Maurya
Manager
Panchsheel Mahavidyalaya